— इश्क महंगा पड़े—
इश्क महंगा पड़े फिर भी
हम दिल का सौदा करे
इश्क की बाज़ी में हम फिर पीछे कैसे हटें
निगाहें कर देती हैं गुस्ताखियाँ
तू भी दे दे साथ तो फिर
इस ज़माने से
हम एक होकर लड़े...
इश्क महंगा पड़े फिर भी
हम दिल का सौदा करे
इश्क की बाज़ी में हम फिर पीछे कैसे हटें
निगाहें कर देती हैं गुस्ताखियाँ
तू भी दे दे साथ तो फिर
इस ज़माने से
हम एक होकर लड़े...