—– उसे वक़्त नहीं —–
उसे
वक़्त नहीं की
वो भी मेरे संग
कुछ वक़्त गुज़ार सके
गर वो भी बुलाने पर
मेरे
मिलने को मुझसे आए
और अगल ही छन
ना जाने कियूं
उसे देर होने लगे
लोगों
की नज़रों में
भी शायद हम
तब चुभने लगे
बबूल तो नहीं थे हम शायद
हम भी थे गुलाब ही
फिर कियूं उन्हें बेवजह हम
दर्द देने लगे…