— कोई तो चाहिठ—
कोई तो चाहिठपैरवी केलिà¤
अब तो बचा नहीं है कà¥à¤›
गिरीवी रखने केलिà¤
मान जाà¤à¤‚ वो अगर तो फिर
हो कर रह जाऊं
उनका ही मैं तो
सारी ज़िनà¥à¤¦à¤—ी केलिà¤...