— तेरी नज़रों में —

तेरी नज़रों में हर रोज़ मेरी एक हाज़री लग जाए तू जो देख ले पलट के बस तो फिर बात
बन जाए चिट्ठियां ना हुई हों इधर से उधर मगर फिर भी दिल के बंद लिफ़ाफ़े में कोई तेरी धड़कन बंध जाए बस तेरी नज़रों में हर रोज़ मेरी एक हाज़री लग जाए ..

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