— ना जाने कियूं —
ना जाने कियूं अब
जगह बदल रहीं ना जाने कब से , मेरे
दिल में उतर रहीं है वो
जैसे-जैसे सावन बिता
सरà¥à¤¦ रातों की ऒर बढ़े हम
वो और à¤à¥€ करीब आ गà¤
और ना जाने कब से
उनके दिल की
धड़कन बन गठहम.