— ना जाने कियूं —
ना जाने कियूं अब
जगह बदल रहीं ना जाने कब से , मेरे
दिल में उतर रहीं है वो
जैसे-जैसे सावन बिता
सर्द रातों की ऒर बढ़े हम
वो और भी करीब आ गए
और ना जाने कब से
उनके दिल की
धड़कन बन गए हम.
ना जाने कियूं अब
जगह बदल रहीं ना जाने कब से , मेरे
दिल में उतर रहीं है वो
जैसे-जैसे सावन बिता
सर्द रातों की ऒर बढ़े हम
वो और भी करीब आ गए
और ना जाने कब से
उनके दिल की
धड़कन बन गए हम.