नेता जी लगे मà¥à¤¸à¥à¤•à¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ – अशोक चकà¥à¤°à¤§à¤°
à¤à¤• महा विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ में
नठविà¤à¤¾à¤— के लिà¤
नया à¤à¤µà¤¨ बनवाया गया,
उसके उदà¥à¤˜à¤¾à¤Ÿà¤¨à¤¾à¤°à¥à¤¥
विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के à¤à¤• पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ छातà¥à¤°
लेकिन नठनेता को
बà¥à¤²à¤µà¤¾à¤¯à¤¾ गया।
अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤•à¥‹à¤‚ ने
कार के दरवाज़े खोले
नेती जी उतरते ही बोले—
यहां तर गईं
कितनी ही पीढ़ियां,
अहा !
वही पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ सीढ़ियां !
वही मैदान
वही पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ वृकà¥à¤·,
वही कारà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯
वही पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ ककà¥à¤·à¥¤
वही पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ खिड़की
वही जाली,
अहा, देखिà¤
वही पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¾ माली।
मंडरा रहे थे
यादों के धà¥à¤‚धलके
थोड़ा और आगे गठचल के—
वही पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€
चिमगादड़ों की साउणà¥à¤¡,
वही घंटा
वही पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¾ पà¥à¤²à¥‡à¤—à¥à¤°à¤¾à¤‰à¤£à¥à¤¡à¥¤
छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ में
वही पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ बदहवासी,
अहा, वही पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¾ चपरासी।
नमसà¥à¤•à¤¾à¤°, नमसà¥à¤•à¤¾à¤°Â !
अब आया हॉसà¥à¤Ÿà¤² का दà¥à¤µà¤¾à¤°â€”
हॉसà¥à¤Ÿà¤² में वही कमरे
वही पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¾ ख़ानसामा,
वही धमाचौकड़ी
वही पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¾ हंगामा।
नेता जी पर
पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ सà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ छा रही थीं,
तà¤à¥€ पाया
कि à¤à¤• कमरे से
कà¥à¤› ज़à¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ ही
आवाज़ें आ रही थीं।
उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने दरवाजा खटखटाया,
लड़के ने खोला
पर घबराया।
कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि अंदर à¤à¤• कनà¥à¤¯à¤¾ थी,
वलà¥à¤•à¤²-वसन-वनà¥à¤¯à¤¾ थी।
दिल रह गया दहल के,
लेकिन बोला संà¤à¤² के—
आइठसर !
मेरा नाम मदन है,
इससे मिलिà¤
मेरी कज़न है।
नेता जी लगे मà¥à¤¸à¥à¤•à¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡
वही पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ बहाने