— मत पूछो —
मत पूछो
हाल -ए -जिंदगी- मेरी
कि अब तो ये ज़िन्दगी
ज़हर सी लगने लगी
सांसों का चलना
बोझ लगने लगा अब तो
एक घड़ी सदीओं सी
लम्बी पहर लगने लगी …...
मत पूछो
हाल -ए -जिंदगी- मेरी
कि अब तो ये ज़िन्दगी
ज़हर सी लगने लगी
सांसों का चलना
बोझ लगने लगा अब तो
एक घड़ी सदीओं सी
लम्बी पहर लगने लगी …...