— मान भी जाओ —
मान भी जाओ
बहुत हुआ अब
सिलसिला रूठने का
गलतियाँ हो जाती हैं
अनजाने में कभी-कभी
दिल पर मत लो
उन बातों को
जो फीके कर दें
हमारी मोहबत्त के रंगों को
जिन्हें जिया करते थे हम
यादों में अपनी आज भी
मानो लगता है जैसे
वो बातें हैं गुज़रे कल की ही...