— वो तो छिप कर —
वो तो छिप कर वार करते हैं
जब चाहे मिलने को हम तो फिर
कहाठउनका ही दीदार करते हैं
नाजाने कà¥à¤¯à¤¾ बात हो रही आजकल
शामो-शहर हम उनकी ही बात
करते है
और अà¤à¥€ देर कहाठहà¥à¤ˆ है ,के आजाà¤à¤‚ वो à¤à¥€
ये रात à¤à¥€ उनका ही इंतज़ार करती है.