— बोलती नहीं है कà¥à¤› —
बोलती नहीं है कà¥à¤›
बस मà¥à¤¶à¥à¤•à¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¾ जानती है
वो नाचीज़
हर किसी को अपना
दिवाना बनाना जानती है
मगर कà¥à¤› तो कहा था उसने
इशारों में उस पल ही
शायद वो निगाहों को
पढ़ना जानती है,
à¤à¤• à¤à¥€à¤¨à¥€ सी मà¥à¤¸à¥à¤•à¤¾à¤¨ देकर ही
वो अपने पà¥à¤¯à¤¾à¤° का
इज़हार करना जानती है
बोलती नहीं है कà¥à¤›
बस मà¥à¤¶à¥à¤•à¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¾ जानती है
वो नाचीज़
हर किसी को अपना
दिवाना बनाना जानती है...