——-कहाँ हो तुम——

——-कहाँ हो तुम——

कहाँ हो तुम कुछ खबर चाहिए खो गए है नज़र वो नज़र चाहिए मन चली है जबां लोगों की उनको तो तेरी एक
झलक चाहिए हर चेहरे मे तुम हो और वो नज़रें तेरी पकड़े है मुझको हर पल हर घड़ी पता तो नही कब मुलाकात हो पर दिल ये कहे अब पता चाहिए मुकम्मल हो ये ख्वाहिस मेरी बस ये ही रब से दुआ चाहिए हर मुमकिन वो कोशिश मै कर जाऊँगा मिले तू मुझको गर रब को मंजूर हो तो इस जहाँ से भी मै लड़ जाऊंगा कहाँ हो तुम कुछ खबर चाहिए खो गए है नज़र वो नज़र चाहिए मन चली है जबां लोगों की उनको तो तेरी एक झलक चाहिए …...ऋषि कुमार

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