पहली मुलाकात

कोशीशें दिल ये भी की तेरे दिल की बातों को समझे हम तुम जो यूँ ही चली गई झुकी नजरों से जो पहली मुलाकात में तुझसे रू-ब-रू हुए हम हाले दिल भी ये है मेरा जैसे मानो मिली हों खुशियाँ ढ़ेर सारी और मिले हों मुद्दतों बाद तुझसे हम तुमने पलट कर देखा तो सही जिसकी आरजू
संजोए रखे थे हम और थी तेरे ही नाम से मेरे दिल की हर धड़कन…….ऋषि कुमार

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